१) बेटी ब्याहन जो चले दहेज़ न दिजौ कोय .
दिन दिन अधम दहेजको कीड़ो विकसित होय.
२)दहेज़ -दानव बहुरूपी ,विध विध रूप सजाय .
फ्लेट,कार,बिदेश-व्यय, बेटी देत फसाय
३)दहेज़-दैत्य बसे जहां, बेटी तहा न देय.
सुता-धन दोऊ खोयके बिपदा मोल न लेय..
४)दे दहेज़ मरी मरी गए ,दुष्ट न भरियो पेट .
ऐसे निठुर राखसका करै अगिन के भेंट
५)वे मुआ नरकमा जाय , जेई लिनहो दहेज़.
मुफ्त्खोरके कुल माहि बेटी कभी न भेज..
दिन दिन अधम दहेजको कीड़ो विकसित होय.
२)दहेज़ -दानव बहुरूपी ,विध विध रूप सजाय .
फ्लेट,कार,बिदेश-व्यय, बेटी देत फसाय
३)दहेज़-दैत्य बसे जहां, बेटी तहा न देय.
सुता-धन दोऊ खोयके बिपदा मोल न लेय..
४)दे दहेज़ मरी मरी गए ,दुष्ट न भरियो पेट .
ऐसे निठुर राखसका करै अगिन के भेंट
५)वे मुआ नरकमा जाय , जेई लिनहो दहेज़.
मुफ्त्खोरके कुल माहि बेटी कभी न भेज..
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